शेयर कब खरीदना और बेचना चाहिए? | When should shares be bought and sold?

Share Market Line में आप का स्वागत है  दोस्तों इस लेख मे मै आप को शेयर कब खरीदना और बेचना चाहिए? | When should shares be bought and sold?

डिमैट अकाउंट खुलवाने के बाद जब नए निवेशक शेयर मार्केट में निवेश करना शुरू करते हैं तो उनके मन में यह सवाल जरूर आते हैं कि―

शेयर कब खरीदना और बेचना चाहिए? | When should shares be bought and sold?

ताकि आप अपने पैसों पर ज्यादा से ज्यादा प्रॉफिट कमा सकें?

  • किस समय शेयर को खरीदें और किस समय शेयर को बेचें?
  • शेयर खरीदने का सही समय कब होता है?
  • शेयर मार्केट में तेजी या मंदी आने के समय क्या करना चाहिए?
  • Share खरीदने से पहले क्या करना चाहिए?
  • क्या स्टॉक मार्केट में मंदी आने पर शेयर को बेच देना चाहिए और तेजी आने पर खरीद लेना चाहिए या इसका उल्टा करना चाहिए?

अगर देखा जाए तो सभी नए निवेशकों के मन में यह सभी सवाल जरूर होते हैं और इनका जवाब जानना भी उनके लिए बहुत जरूरी है क्योंकि जब आपको पता होगा कि शेयर बाजार में शेयर का प्राइस कब ऊपर जाता है और कब नीचे आता है और शेयर प्राइस कम ज्यादा क्यों होता है तो आप मार्केट में आने वाली तेजी और मंदी से कभी भी नहीं घबराएंगे.

कुछ लोग स्टॉक मार्केट में करेक्शन या मंदी होने पर डरकर शेयर बेच देते हैं ताकि वह और अधिक नुकसान से बच सकें,

ठीक इसके विपरीत कुछ लोग उस समय शेयर को खरीद लेते हैं जब शेयर अपने all-time हाई प्राइस पर होता है क्योंकि उन्हें लगता है कि अगर कोई शेयर अपट्रेंड में ही चल रहा है तो उसका चार्ट आगे भी ऐसा ही चलता रहेगा लेकिन ज्यादातर बार ऐसा नहीं होता है इसलिए उनका पैसा डूब जाता है।

ऐसे में हमें समझ नहीं आता है कि आखिर शेयर को खरीदने का सबसे अच्छा समय कब है और किस समय अपने खरीदे हुए शेयर को बेचना चाहिए ताकि हम अपने निवेश पर ज्यादा से ज्यादा रिटर्न कमा सकें.

आज इस पोस्ट में हम आपको कुछ ऐसे बेस्ट तरीके बताने वाले हैं जिन्हें फॉलो करके आप आसानी से पता कर पाएंगे कि आपको किस समय शेयर को खरीदना और बेचना चाहिए?

तो आइए जानते हैं―

शेयर कब खरीदना और बेचना चाहिए? | When should shares be bought and sold?

शेयर कब खरीदे और बेचे, इसका जवाब सफल निवेशक वारेन बफेट बताते हैं कि आपको उस समय शेयर खरीदना चाहिए जब पूरा स्टॉक मार्केट डरा हुआ हो और उस समय शेयर बेचना चाहिए जब पूरा बाजार लालच से भरा हो। मतलब वो कहते हैं कि जब मार्केट डरा हुआ हो तो आपको लालची बन जाना चाहिए और जब मार्केट लालची हो तब आपको डर जाना चाहिए।

आगे बढ़ने से पहले आपको नीचे दी गई कुछ जरूरी बातें जरूर पता होनी चाहिए―

आजकल शेयर मार्केट से हर कोई कम समय में ज्यादा पैसा कमाना चाहता है और इसीलिए हम अपने पैसे को बैंक, एफडी (FD), म्यूच्यूअल फंड इंडिया या गोल्ड में लगाने की बजाय सीधा शेयर मार्केट में निवेश करने के बारे में सोचते हैं,

लेकिन क्या यह सही है?

  • आपको शेयर मार्केट में कब निवेश (इन्वेस्ट) करना चाहिए… इसका एक शब्द में अच्छा जवाब है कि ‘सीखकर

अगर आप शेयर मार्केट को बिना सीखे और केवल दूसरों की सलाह लेकर अपना मेहनत से कमाया हुआ पैसा इन्वेस्ट करते हैं तो 90% चांसेस है कि आप किसी गलत पैनी स्टॉक्स में फंस जाएंगे जिससे आपका पैसा डूब जाएगा और आपको शेयर मार्केट में नुकसान झेलना पड़ेगा।

कुछ लोगों को तो यही पता नहीं होता कि शेयर मार्केट कैसे काम करता है? और कूद जाते हैं शेयर खरीदने की रेस में.

जिस तरह असली दुनिया के बाजार में कुछ नियम कायदे और कानून होते हैं उसी तरह इंडियन शेयर मार्केट के भी कुछ नियम हैं जिन्हें आप को फॉलो करना चाहिए वरना आप इसमें अपना पैसा गवा सकते हैं.

लेकिन ज्यादातर लोगों को शेयर बाजार जल्दी पैसा बनाने का माध्यम लगता है इसीलिए वह केवल दूसरों के कहने पर किसी भी शेयर में पैसा लगा देते हैं

  • आ गई होगी,
  • या फिर कंपनी भविष्य में कोई प्रॉफिटेबल प्रोजेक्ट लॉन्च करने वाली है।

इन सभी स्थितियों में अचानक से शेयर का प्राइस बढ़ जाता है और इसके विपरीत जब उस कंपनी से संबंधित कोई बुरी खबर आती है तो अचानक से स्टॉक मार्केट में लिस्टेड उस कंपनी का प्राइस नीचे चला जाता है

और जैसे ही ऐसा होता है तो पैनिक में आकर छोटे निवेशक इस शेयर को बेच देते हैं जबकि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए शेयर के गिरने की वजह पता करनी चाहिए और फिर लॉन्ग टाइम (भविष्य) के हिसाब से निर्णय लेना चाहिए.

तो यह सभी बातें आपको किसी भी शेयर को खरीदने या बेचने से पहले पता होनी चाहिए.

चलिए आप सबसे पहले जानते हैं कि आखिर हम 

शेयर कब खरीदे?

किसी भी शेयर को खरीदने से पहले आपको यह पता होना चाहिए कि किस कंपनी का शेयर खरीदे मतलब सबसे पहले आप फंडामेंटल और टेक्निकल रिसर्च करके अपना पसंदीदा शेयर चुन लें.

अगर आप फंडामेंटल या टेक्निकल रिसर्च के बारे नहीं जानते हैं तो आपको बता दें कि किसी भी शेयर को खरीदने से पहले हमें उस कंपनी के शेयर में कई फैक्टर देखने पड़ते हैं जैसे―

  • कंपनी का बिजनेस कैसा चल रहा है,
  • कंपनी का बिजनेस मॉडल क्या है और कंपनी पैसे कैसे कमाती है?
  • कंपनी के मैनेजमेंट में लोग कैसे हैं,
  • कंपनी ने कितना कर्ज लिया हुआ है
  • क्या वह उसका भुगतान करने में सक्षम है,
  • वह कंपनी शेयर बाजार में लिस्टेड होने के बाद यानी कि आईपीओ आने के बाद अब तक कितना रिटर्न्स अपने निवेशकों को दे चुकी है,
  • उस कंपनी के पास क्या कंपटीशन एडवांटेज है जो उस सेक्टर की बाकी कंपनियों से उसे अलग बनाता है?
  • भविष्य में उस कंपनी की क्या योजनाएं हैं?

आपको शेयर खरीदने से पहले इन सभी सवालों के जवाब पता कर लेना चाहिए. और आप जब इन सब सवालों के सही जवाब खोजते हैं तो वह फंडामेंटल रिसर्च करने के अंतर्गत आता है.

और वहीं दूसरी ओर जब आप कंपनी के शेयर का चार्ट पेटर्न देखते हैं और कंपनी ने कब अपना ऑल टाइम हाई प्राइस या ऑल टाइम लो प्राइस टच किया था जिसके आधार पर आप निर्णय ले सके कि अभी शेयर महंगा है या सस्ता…. तो ये सभी टेक्निकल एनालिसिस के अंतर्गत आता है।

  • वैसे कोई शेयर कितना महंगा है या सस्ता यह जानने के लिए आपको पहले पीई रेश्यो के बारे में जरूर पता कर लेना चाहिए।

इसके अलावा शेयर के टेक्निकल एनालिसिस में काफी सारी चीजें आती हैं जैसे मूविंग एवरेज, ट्रेंडलाइन, अपट्रेंड, डाउनट्रेंड, इंडिकेटर, कैंडल स्टिक आदि सभी चीजें शेयर की टेक्निकल रिसर्च करते वक्त बहुत जरूरी होती हैं.

अगर देखा जाए तो शेयर मार्केट में दो प्रकार के लोग होते हैं ट्रेडर और इन्वेस्टर (जो लोग फंडामेंटल एनालिसिस करके शेयर खरीदते हैं उन्हें इन्वेस्टर कहते हैं और जो लोग टेक्निकल एनालिसिस करके शेयर खरीदते हैं उन्हें ट्रेडर कहते हैं)

  • इन्वेस्टिंग के मुकाबले ट्रेडिंग काफी रिस्की होती है जिसमें लोग इंट्राडे ट्रेडिंग या स्विंग ट्रेडिंग जबकि इन्वेस्टर लोग लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करते हैं उदाहरण के लिए भारत में शेयर मार्केट के सबसे अमीर इन्वेस्टर ‘राकेश झुनझुनवाला

अब आइए अपने मुख्य सवाल पर आते हैं कि आखिर शेयर कब खरीदे?

अब जब आपने शेयर चुन लिया है और आपको पता है कि कौन सा शेयर आपको लेना चाहिए तो क्या तुरंत जाकर उस शेयर को खरीद लेना चाहिए या नहीं?

इसका जवाब केवल हां या ना नहीं हो सकता बल्कि यह थोड़ी बहुत चीजों पर निर्भर करता है जैसे― अगर आप लंबे समय के लिए शेयर में निवेश करने जा रहे हैं तो आप किसी भी समय को खरीद सकते हैं

लेकिन ध्यान रखें कि वह अपने ऑल टाइम हाई प्राइस पर ना ट्रेड हो रहा हो (यह आप शेयर का चार्ट देखकर पता लगा सकते हैं) अगर शेयर अब तक के सबसे ज्यादा प्राइस पर मिल रहा है तो थोड़ा नीचे आने का इंतजार करें और जब वह थोड़ा बहुत नीचे आ जाए तो तुरंत उसे खरीद लें.

लेकिन ध्यान रखिए: हो सकता है कि कोई शेयर नीचे आए ही नहीं…. वह ऊपर ही ऊपर जाता रहे और फिर बाद में आपको पछताना पड़े और आपको लगे कि काश मैं उस समय खरीद लेता तो अच्छा रिटर्न बन जाता.

इसीलिए मैंने पहले कहा कि आपको शेयर की फंडामेंटल एनालिसिस करनी चाहिए और फिर निर्णय लेना चाहिए, जब आप कंपनी के बारे में अच्छे से रिसर्च कर लेते हैं तो आपको इन सभी छोटे-मोटे सवालों के बारे में ज्यादा नहीं सोचना पड़ता है और एक अच्छा और समझदार निवेशक भी वही होता है जो कंपनी का बिजनेस देखकर निवेश करें ना कि सिर्फ शेयर का प्राइस या चार्ट देखकर।

शेयर का चार्ट देखना ट्रेडर लोगों का काम होता है ना कि निवेशकों का (आपको ट्रेडर और निवेशक में साफ-साफ फर्क पता होना चाहिए)

मैंने नीचे कुछ स्थितियां बताई हैं जब शेयर को खरीदना अच्छा होता है… जब आप ऐसी स्थितियों में शेयर को खरीदते हैं तो आपके प्रॉफिट और अच्छा रिटर्न कमाने के चांसेस बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं

तो आइए इनके बारे में जानते हैं―

जब शेयर इंटरिंसिक वैल्यू से कम कीमत पर मिल रहा हो

अगर कोई मुझसे पूछे कि शेयर खरीदने का सबसे अच्छा समय कौन सा है तो मैं उसको शेयर की इंटरिंसिक वैल्यू या वास्तविक वैल्यूएशन से कम कीमत पर शेयर खरीदने की सलाह दूंगा (यह मेरा सबसे पसंदीदा तरीका है जिससे आप सबसे ज्यादा प्रॉफिट कमा सकते हैं)

आप मेरा इंटरिंसिक वैल्यू वाला पोस्ट जरुर पढ़ लेना उसमें मैंने डिस्काउंटेड कैश फ्लो मेथड के जरिए किसी भी शेयर की इंटरिंसिक वैल्यू को कैलकुलेट करने के बारे में बताया है।

ज्यादा कुछ नहीं बस आप इतना समझ लीजिए कि― आपको हमेशा undervalued शेयर को खरीदना चाहिए यानी कि जब से अपनी वास्तविक कीमत से बहुत कम प्राइस पर मार्केट में ट्रेड हो रहा हो।

लेकिन अंडरवैल्यूड यह सबसे सस्ते शेयर खरीदने के चक्कर में आप पेनी स्टॉक में मत फस जाना क्योंकि लोग 1 रुपये से कम कीमत वाले शेयर या 10 से कम कीमत वाले शेयर खरीद लेते हैं लेकिन बाद में उनका बहुत नुकसान हो जाता है।

इसलिए आपको ना तो सस्ते शेयर में फसना है और ना तो सबसे ज्यादा रिटर्न देने Even शेयर के बारे में सोचना चाहिए क्योंकि ऐसे तो आपको मार्केट में 1000% या 2000% या 5000% रिटर्न देने वाले स्टॉक भी मिल जाएंगे लेकिन इस प्रकार के शेयर जितनी तेजी से लोगों को करोड़पति बना देते हैं उतनी ही तेजी से आपको कंगाल भी कर देते हैं।

इसीलिए पहले हो सके तो स्टॉक की फंडामेंटल रिसर्च करें और फिर देखे कि क्या वह शेयर अपनी इंटरिंसिक वैल्यू से कम प्राइस पर मिल रहा है या नहीं, अगर हां तो तुरंत खरीद लें ( लेकिन ध्यान रहे फंडामेंटल एनालिसिस करने के बाद)

कंपनी के क्वार्टरली रिजल्ट देखकर

आपको पता होगा शेयर मार्केट में लिस्टेड हर कंपनी प्रत्येक 3 महीनों में अपने क्वार्टरली रिजल्ट (Quarterly results) पेश करती है जिसमें कंपनी ने कितना रेवेन्यू किया है और कितना खर्चा किया है इसके अलावा पिछले क्वार्टर के मुकाबले कितना नेट प्रॉफिट किया है, यह सभी चीजें इसमें बताई होती हैं।

आपको इन सभी चीजों को देखकर ही शेयर खरीदने का निर्णय लेना चाहिए। अगर कंपनी के क्वार्टरली रिजल्ट अच्छे हैं तो ही आपको उस शेयर को खरीदना चाहिए,

लेकिन अगर पिछली क्वार्टर के मुकाबले कंपनी के sales और प्रॉफिट कम हुए हैं तो आपको शेयर नहीं खरीदना चाहिए और पता करना चाहिए कि ऐसा क्यों हुआ….

क्वार्टरली रिजल्ट की तरह ही कंपनी हर साल वार्षिक रिपोर्ट पब्लिश करती है जिसमें कंपनी ने पूरी साल क्या-क्या किया और भविष्य में कंपनी के क्या प्लांस हैं इसके बारे में बताया जाता है इसलिए आपको कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट भी पढ़ना चाहिए।

लेकिन वार्षिक रिपोर्ट काफी बड़ी होती है इसलिए उसमें कुछ मुख्य मुख्य बिंदु ही आपको पढ़ना चाहिए लेकिन ज्यादातर बार आपको निर्णय केवल क्वार्टरली रिजल्ट को देखकर ही लेना पड़ता है क्योंकि वह हर 3 महीने में बदलते रहते हैं।

इसके अलावा आपको कंपनी के 3 सबसे महत्वपूर्ण फाइनेंसियल स्टेटमेंट जरूर देखना चाहिए जोकि हैं―

  1. बैलेंस शीट
  2. प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट (इनकम स्टेटमेंट)
  3. कैश फ्लो स्टेटमेंट

जब आप कंपनी की फंडामेंटल रिसर्च करेंगे तो आपको इन तीनों चीजों की जरूरत पड़ेगी किसी भी स्टॉक की ये तीनों चीजें आप moneycontrol वेबसाइट के द्वारा आसानी से चेक कर सकते हैं.

फाइनेंशियल स्टेटमेंट देख कर ही आपको किसी भी शेयर की असलियत पता चलती है कि आखिर वह शेयर कितना मजबूत है, यह पता चलता है. फाइनेंसियल स्टेटमेंट किसी भी कंपनी की पूरी पिक्चर दिखाते हैं जिससे कंपनी की पूरी पोल आपके सामने खुलती है

क्योंकि मीडिया में या बड़े-बड़े ब्रोकरेज हाउस वाली वेबसाइट आपको टारगेट प्राइस देकर जो शेयर खरीदने को कहती हैं आपको उससे पहले एक बार कंपनी के फाइनेंसर नंबर जरुर चेक करनी चाहिए, यह एक्शन हमें हर शेयर को खरीदने से पहले लेना चाहिए तभी आप अपने इन्वेस्टमेंट पर अच्छा रिटर्न कमा सकते हैं।

आईपीओ के समय ― (Share kab kharide)

जब भी कोई कंपनी पहली बार शेयर मार्केट में स्टॉक एक्सचेंज (NSE या BSE) पर लिस्ट होती है तो उसे IPO (इनिशियल पब्लिक आफरिंग) बोला जाता है.

जब भी कोई कंपनी अपने व्यापार को बढ़ाना चाहती है तो वह छोटे निवेशक या आम जनता से पैसा जुटाने के लिए अपना आईपीओ लाती है

जिसमें प्राथमिक मार्केट के द्वारा आप और हम जैसे लोग कंपनी के शेयर को खरीदते हैं और जब कंपनी अपना पूरा पैसा जुटा लेती है तो कुछ ही दिनों में वह शेयर द्वितीयक मार्केट में स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हो जाती है।

जो लोग आईपीओ के समय कंपनी के शेयर खरीदते हैं वह बहुत कम समय में उस स्टॉक के लिस्टेड होने के बाद बहुत ज्यादा रिटर्न कमा लेते हैं इसका सबसे अच्छा उदाहरण है―

  • अभी कुछ समय पहले Nykaa कंपनी का आईपीओ आया था जो की धमाकेदार साबित हुआ. इसमें कितने पैसे लगाए थे उन्होंने अपने पैसे पर बहुत बढ़िया रिटर्न कमाए ( इस return को Listing gain कहा जाता है)

लेकिन याद रखिए; बहुत सारी ऐसी कंपनियां भी अपना आईपीओ लाते हैं जिनमें हमें बिल्कुल भी Listing gain नहीं मिलता है बल्कि उल्टा आपने कितना पैसा लगाया होता है उसका भी नुकसान हो जाता है.

आपको पता होना चाहिए कि ज्यादातर कंपनियों का आईपीओ बुल रन मार्केट में ही आता है यानी कि जब निफ्टी और सेंसेक्स ऊपर जाता है तभी नई कंपनियां शेयर मार्केट में आईपीओ लाती हैं अगर आप ध्यान से देखोगे तो bear run मार्केट में ना के बराबर कंपनियां शेयर मार्केट में ipo लाती हैं।

शेयर मार्केट में जब अपट्रेंड या तेजी होती है उसे बुल मार्केट कहते हैं जबकि इसके विपरीत जब शेयर मार्केट में मंदी होती है और पूरा मार्केट क्रैश हो रहा होता है तो उसे बियर मार्केट कहते हैं।

मैं आशा करता हूं आपको बुल और बियर का कांसेप्ट एकदम क्लियर होगा।

अब आइए लास्ट तरीका जानते हैं कि शेयर को कब खरीदना चाहिए

शेयर मार्केट क्रैश होने के बाद ― (Share kab kharide)

आप में से कुछ लोग सोच रहे होंगे कि ये क्या बकवास है?

ज्यादातर लोग तो मार्केट क्रैश होने पर अपना पोर्टफोलियो बेचने लगते हैं और मैं खरीदने की बात कर रहा हूं.

यह बिल्कुल सच है!

लेकिन एक सच यह भी है कि स्टॉक मार्केट में सबसे ज्यादा पैसा वही लोग कमाते हैं―

  • जो undervalued price पर शेयर को खरीदते हैं,
  • जो उस समय को खरीदते हैं जब कोई नहीं खरीदता,
  • जो शेयर के चार्ट पर नहीं बल्कि कंपनी के बिजनेस पर भरोसा करते हैं
  • जो मार्केट क्रैश होने का कारण जानते हैं
  • जो जानते हैं कि मार्केट कब रिकवर हो सकता है

जो यह सब चीजें जानता है उसी को हम एक “इंटेलिजेंट इन्वेस्टर’ कह सकते हैं.

और यह केवल मैं नहीं कह रहा हूं बल्कि दुनिया के सबसे अमीर और सक्सेसफुल इन्वेस्टर वारेन बुफे कहते हैं कि―

Be Fearfull when market is Greedy
Be Greedy when market is Fearfull

आप इसका मतलब समझ ही गए होंगे कि आपको उस समय स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाहिए जब पूरा मार्केट डरा हुआ हो क्योंकि उस समय आप को सबसे ज्यादा डिस्काउंट पर और सबसे अच्छी कंपनियों के शेयर सबसे सस्ते कीमत पर मिल जाएंगे.

इसके ऊपर इन्वेस्टिंग की सबसे अच्छी किताब “द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर” भी लिखी जा चुकी है (जिसे इन्वेस्टिंग की बाइबिल भी कहा जाता है) जिसे वारेन बुफे ने कई बार पढ़ने को रीकमेंड किया है।

Share kab kharidna chahiye aur kab bechna chahiye
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वो कहते हैं कि यह किताब दुनिया में इन्वेस्टिंग के ऊपर लिखी जाने वाली सबसे अच्छी किताब है जिसने मेरी जिंदगी बदल दी और अगर आप शेयर मार्केट में निवेश करते हैं तो आपको इसे जरूर पढ़ना चाहिए।

तो अब आप समझ ही गए होंगे कि आखिर क्यों आपको मार्केट क्रैश होने के बाद शेयर खरीदना चाहिए. इसका सबसे अच्छा और सबसे प्रैक्टिकल उदाहरण है―

  • अभी 2020 में जो इंडिया में lockdown लगा था और कोविड के कारण पूरा मार्केट क्रैश हो गया था उस समय आधे से ज्यादा लोगों ने अपने खरीदे हुए शेयर को बेच दिया था
  • लेकिन जिन लोगों ने मार्केट क्रैश के बावजूद भी शेयर को नहीं बेचा और होल्ड करके रखे रहे या फिर वो लोग जिन्होंने मार्केट क्रैश के वक्त शेयर खरीदे उन्होंने मार्केट की खबर होने पर सबसे ज्यादा पैसा कमाया।

और यह एक बार नहीं कई बार हो चुका है… जैसे 2008 के फाइनेंशियल क्राइसिस के बाद भी जब मार्केट क्रैश हुआ था तो उसके कुछ ही समय बाद वह दुगनी तेजी से रिकवर हुआ और एक समझदार निवेशक यह जानता है

इसलिए आपको मार्केट में मंदी आने पर घबराना नहीं चाहिए बल्कि इस मौके का फायदा उठाना चाहिए।

शेयर कब बेचना चाहिए?

शेयर का कुछ हिस्सा बेच सकते हैं

उदाहरण के लिए;

  • मान लो आपने किसी कंपनी के 1000 शेयर खरीद रखे हैं तो आप अच्छा खासा प्रॉफिट होने के बाद इनमें से 400 से 500 शेयर बेच सकते हैं और बाकी बचे हुए भविष्य के लिए होल्ड कर सकते हैं।

यह किसी भी शेयर को बेचने का सबसे अच्छा तरीका है।

  • शेयर बाजार के नियम 
  • शेयर खरीदने के नियम

आशा करता हूं आपको शेयर कब खरीदना चाहिए और कब बेचना चाहिए इससे संबंधित सारी कन्फ्यूजन दूर हो गई होगी अब आइए कुछ बेसिक सवालों के जवाब जानते हैं―

FAQ’s (शेयर कब खरीदें और कब बेचे)

यर कब खरीदें और कब बेचे)

शेयर खरीदने का सबसे अच्छा समय कब होता है?

शेयर खरीदने का सबसे अच्छा समय ट्रेडिंग और इन्वेस्ट इन दोनों में अलग अलग हो सकता है अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं तो आपको मार्केट खोलने के तुरंत बाद नहीं खरीदना चाहिए बल्कि कुछ देर इंतजार करना चाहिए और जब थोड़ा बहुत वॉल्यूम ट्रेड हो जाए फिर उसके आधार पर अपना निर्णय लेना चाहिए।

शेयर बेचने का सबसे अच्छा समय कब होता है?

किसी भी शेयर को बेचने का कोई सही समय नहीं होता है मतलब कोई ये नहीं कह सकता है कि इस तारीख को इतने बजे आप अपने शेयर को बेच सकते हैं. लेकिन जब आपको लगे कि आपके द्वारा खरीदा हुआ शेयर अच्छा खासा प्रॉफिट दे चुका है तो आप उसका कुछ हिस्सा बेच सकते हैं।

हमें दिन के किस समय शेयर खरीदना चाहिए?

यह सवाल ज्यादातर ट्रेडर लोगों के मन में आता है तो मैं इंट्राडे ट्रेडर्स के लिए बता दूं कि सुबह 9:30 बजे से लेकर 10:30 बजे के बीच में शेर को खरीदना और बेचना चाहिए इस बीच आप अच्छा प्रॉफिट कमा सकते हैं क्योंकि बड़े और प्रोफेशनल ट्रेडर्स भी यही सजेस्ट करते हैं लेकिन यह कोई निश्चित नियम नहीं है बाकी आपको इस पर अपनी खुद से रिसर्च करनी चाहिए।

क्या शेयर की कीमत कम होने पर उसे खरीद लेना चाहिए?

यह शेयर की क्वालिटी पर निर्भर करता है अगर शेयर मजबूत कंपनी का है तो उसे कम प्राइस होने पर खरीद लेना चाहिए. लेकिन अगर आप कोई भी पेनी स्टॉक केवल इसलिए खरीदते हैं क्योंकि उसका प्राइस कम है तो इससे आपके नुकसान होने के चांसेस काफी बढ़ जाते हैं।

आप ये जानकारी Share Market Line पर पढ़ रहे हैं 

आज आपने क्या सीखा

मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख 

शेयर कब खरीदना और बेचना चाहिए? | When should shares be bought and sold?

जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की पढ़ने वाले को इस  विषय में पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं पड़तीयदि आपको यह पोस्ट पसंद आया या कुछ सीखने को मिला तब कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook, Whatsaap, Instagram, और Twitter इत्यादि पर share कीजिये।


Director By -  SERAJ ALi 
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